!! जय श्री राम !!
मालवा का दशपुर नगर जिसे आजकल मन्दसौर नाम से जाना जाता हैं, कवि कालिदास द्वारा मेघदूत में गाया गया नगर है । इस नगर में श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर स्थित है । श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी जो शूरता, वीरता , दक्षता , बुद्धिमता आदि गुणों के पुंज है तथा जिनकी भक्ति करने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं तथा समस्त मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती है इसलिये यहाँ के नर-नारी श्री बालाजी के रूप में श्री हनुमान जी को पूजते, सजाते एवं दुलारते हैं । इस मंदिर को तलाई वाले बालाजी के मंदिर से भी जाना जाता है ।
लगभग सात सौ वर्ष पुरानी बालाजी की प्रतिमा प्रारम्भ में विशाल वटवृक्ष के नीचे विराजित थी, यह स्थान शहर से दूर सूबा साहब (कलेक्टर) बंगले के पास स्थित था । मंदिर के पास ही एक तलाई थी जिस पर वर्तमान में नगरपालिका तरणताल स्थित हैं । किवंदती हैं कि इस प्रतिमा की स्थापना अत्यंत सिद्ध परमहंस संत द्वारा की गयी थी, बहुत समय तक यहाँ बनी धर्मशाला, तलाई एवं मंदिर साधु संतों एवं जमातों का विश्राम एवं आराधना स्थल रहा ।
उपलब्ध प्रमाणों से ज्ञात होता हैं कि नगर की प्रमुख फर्म एकामोतीजी के श्री फूलचंद जी चिचानी, श्री बद्रीलालजी सोमानी, श्री नत्थूसिंह जी तोमर ने लम्बे समय तक अपनी सेवाएं दी । (अन्नत श्री विभूषित ब्रह्मलीन पूज्य राजारामदास जी महाराज अधिष्ठाता, श्री पंचमुखी बालाजी मंदिर, भीलवाड़ा) ने भी १९४० ई. में यहाँ रहकर साधना की हैं ।
सन १९६४ में बालाजी मंदिर न्यास के गठन के बाद मंदिर परिसर का योजनाबद्ध तरीके से विस्तार किया जा रहा रहा हैं । १९९५ के पश्चात् मंदिर के पुनर्निर्माण के कार्य के अंतर्गत ८५ फ़ीट ऊँचा शिखर तथा निज मंदिर का निर्माण लगभग पूणर्ता की ओर है, इसमें बालाजी के स्थानीय भक्तों के अतिरिक्त देश-विदेश में फैले भक्तों का सहयोग रहा हैं ।
मंदिर के आस-पास का सारा इलाका "बालागंज" के नाम से ही जाना जाता हैं । बालागंज के सभी रहवासी भगवान को अपना परिजन ही मानते हैं और स्वयं को उनके अपने भी यहाँ के युवाओं के बल, बुद्धि, एवं प्रताप में बालाजी की फलक व्याप्त हैं और सारा नगर इसे मानता भी हैं ।
!! जय श्री राम !!
वर्तमान में बालाजी मंदिर न्यास के अध्यक्ष पद को धर्मनिष्ठ, समाजसेवी, एडवोकेट श्री धीरेन्द्र जी त्रिवेदी सुशोभित कर रहे हैं, उनके साथ पूर्ण समर्पित भाव से उपाध्यक्ष श्री दिलीप जी जोशी, सचिव श्री भागीरथ जी हिवे, सह-सचिव श्री धन्नालाल जी माली, कोषाध्यक्ष श्री गोपाल जी गोयल तथा श्री ओमप्रकाश जी व्यास , न्यासीगण श्री जयप्रकाश जी सोमानी , श्री सुशील जी गुप्ता , श्री महेश जी कटलाना , श्री अशोक जी गुप्ता , श्री निरंजन जी अग्रवाल एवं श्री हरिओम सिंह जी तोमर कार्य कर रहे है ।
हनुमान जी कलियुग के प्रत्यक्ष देवता है , उनके दर्शन मात्र से राम की कृपा सुलभ हो जाती है जिससे दैहिक , दैविक , एवं भौतिक ताप तुरंत दूर हो जाते हैं । ऐसे बालाजी का दिव्य दर्शन दूर दिगंत के भक्त करके यहाँ सुविधा , शांति, एवं भक्तिरस का अमृतपान कर सकें, इस प्रयास एवं अनुष्ठान में लगे निस्वार्थ , कर्मठ, एवं समर्पित न्यास , नियमित सदस्य तथा भक्तजन निश्चित ही धन्य है तथा साधुवाद के अधिकारी है ।