!! जय श्री राम !!
हमारी भारतीय संस्कृति एवं सनातन हिन्दू धर्म में यद्यपि ईश्वर को कण-कण में व्याप्त माना जाता है, परन्तु फिर भी कुछ स्थान ऐसे होते हैं जहाँ देवता के दर्शन अधिक चैतन्य होते हैं । हमारे तीर्थ स्थान, पवित्र नदियाँ एवं सरोवर तथा देव मंदिर के ऐसे अनेकों उदाहरण से हम भलीभाँति परिचित है । श्री बालाजी का ऐसा ही अनूठा मंदिर मन्दसौर नगर में स्थित है । भक्तजनों का ऐसा मानना है कि साक्षात् हनुमान जी भगवान यहाँ विराजै है ।
भगवान श्री हनुमान जी सभी के संकटों को दूर करते हैं व सबकी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं । इस कारण से भक्तजनों तथा माता-बहिनों की अगाध श्रृद्धा इस मंदिर पर है । मंदिर के पट प्रातः ५:३० पर खुलते हैं । प्रातः ७ बजे राम रक्षा स्त्रोत का हवन होता है । प्रातः ७:३० बजे आरती एवं प्रसाद वितरण के बाद ९ बजे बालाजी को रामचरित मानस का पाठ सुनाया जाता है । प्रातः ११ बजे भगवान को भोग लगाया जाता हैं । दोपहर १२ बजे से ४:३० तक विश्रांति के लिए पट मंगल हो जाते हैं । पुनः मंदिर के पट सांय ४:३० खुलते हैं । सांय ५ बजे भगवान को सुन्दरकाण्ड सुनाया जाता है । सांय ७ बजे मुख्य आरती की जाती हैं इसके पश्चात् रात्रि १० बजे शयनकाल तक भजनकीर्तन किया जाता है ।
!! जय श्री राम !!
श्री बालाजी को प्रतिदिन चौला चढ़ाया जाता है । यह एक ऐसा अनूठा मंदिर हैं जहाँ चौला चढ़ाने के लिए वर्षों प्रतीक्षा करनी पड़ती है । मंगलवार को चौला चढ़ाने के लिए २०३६ तक, शनिवार को चौला चढ़ाने के लिये २०३२ तक तथा सामान्य दिनों में चौला चढ़ाने के लिये २०२१ तक की तिथियाँ अभी से बुक है । आस्था का अनूठा सैलाब यहाँ प्रतिदिन दिखाई देता है । हनुमान जयंती एवं राम नवमी की छटा तो अत्यंत दिव्य और निराली होती है ।
बालाजी को मालवा-मेवाड़ का मिष्ठान्न चूरमे का लड्डू बहुत पसंद है, भक्तगण प्रति मंगलवार एवं शनिवार को चूरमे के लड्डू का भोग लगाते हैं । भोग के बाद प्रसाद के रूप में इसे ही बाँटा जाता है ।
मंदिर न्यास के विशेष अनुरोध पर भागवत विद्यापीठ अहमदाबाद के अधिष्ठाता पूज्य दादाजी श्री कृष्णशंकर जी शास्त्री ने अपने सुयोग्य एवं सबसे प्रिय शिष्य आचार्य रामानुज जी को मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण होने तक देखरेख करने का आदेश दिया, १९९७ से आचार्य रामानुज जी के मार्गदर्शन में ही सारा कामकाज निर्बाध एवं सफलतापूर्वक चल रहा है । आचार्य जी ने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सम्पूर्ण मन्दसौर वासियों को एकसूत्र में बांध रखा है, प्रतिवर्ष उनके अनुष्ठान में सारा अंचल भाग ले रहा हैं, अब वे हमारे ही बन गए है । उनकी प्रेरणा से भक्तगण तन, मन, एवं धन को बालाजी की सेवा में लगाकर स्वयं को धन्य मानते हैं ।
!! जय श्री राम !!
!! जय श्री राम !!